HINDU zindabad MUSALMAN zindabad.......NAZM
HINDU zindabad MUSALMAN zindabad.......NAZM Written by HAZRAT MOLANA WALIULLAH QASMI BASTWI SAHAB हिंदू जिंदाबाद मुसलमान जिंदाबाद।। अपना है यह नारा हिंदुस्तान जिंदाबाद।। बोलो फ़िरक़ावारी आखिर मुल्क में कैसे आई। बुग़्ज़ो नफरत की आखिर ये किस ने आग लगाई। हिन्दू मुस्लिम और दलित ये हरिजन सिख इसाई। आदिवासी जाट ब्राह्मण सब हैं भाई भाई। आदम हव्वा की नस्लें --इंसान ज़िंदाबाद ।। हम क्या जाने दहशतगर्दी क्या जाने ग़द्दारी। हम तो हैं इस मुल्क के वासी क्या जाने मक्कारी। जो है अपने देश के दुश्मन उससे कैसी यारी। मेल जोल से रहते और करते हैं दिलदारी। मिल जुल के रहने का अरमान जिन्दाबा।। गंगा जमुनी तहज़ीबों का आओ जहाँ बसाएं । सारी क़ौमे आसुदा हो मक़सद यही बनाएँ । आओ मिल जुल कर आगे क़दम को बढ़ाएं । एक लड़ी में रहकर आओ दुनिया को दिखलाएं । अहले ईमां की ईमानी शान ज़िंदाबाद ।। हम हैं हिंदी अपना है ये सारा हिंदुस्तान । भारत अपनी भूमि है हमें इसकी है पहचान। इसकी अज़मत पर क़ुर्बान है अपना जिस्मो जान। और यहां है मिलकर अपना रहने का अरमान । ऊँची क़ौमी परचम की है शान ज़िंदाबाद ।। शीरो शकर है हिन्